पूछे जो कोई कौन हूँ मै, कह देना कोई ख़ास नहीं,

पूछे जो कोई कौन हूँ मै,
कह देना कोई ख़ास नहीं,
एक दोस्त हूँ सीधा सादा सा,
जिसमे है कोई बात नहीं,

मिल जाता हूँ आते जाते,
है ऐसी कोई मुलाक़ात नहीं,
हूँ एक बहुत आम सा ज़ामी,
इसकी कोई बिसात नहीं,

न भी मिलूं तो चलता है,
मिलने की कोई प्यास नहीं,
है ये रिश्ता बहुत ही छोटा,
इस रिश्ते से तो कोई आस नहीं,

बतला देना मुझे बेगाना,
कह देना विश्वास नहीं,
हूँ में राही पल दो पल का,
कोई जीवन भर का साथ नहीं,

पूछे कोई तुमसे......

याद आ जाता हूँ कभी कभी,
दिल में होने जैसी याद नहीं,
चल देता हूँ हर डगर पर साथ तुम्हारे,
हमसफ़र जैसा फिर भी कोई साथ नहीं,

जब रोती हों आँखें पी लेता हूँ हर आंसू,
पर रिश्ते जैसी कोई बात नहीं,
फिर भी पूछे कोई कौन हूँ में,
कह देना इसकी कोई जात नहीं,
एक दोस्त हूँ चलता फिरता सा,
जिसमे कुछ भी बात नहीं.....

Comments

Popular posts from this blog

नवरा तो नवराच असतो .

ऐतिहासिक पुस्तके PDF स्वरुपात

नात्यात वाद नको संवाद हवा. Heart touching story